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"भारत" बनाम "इंडिया" प्राथमिकता किसे और क्यों?

Writer's picture: Roohi BhargavaRoohi Bhargava




इंडिया या भारत — यह कोई नया मुद्दा नहीं है। 1947 में जब भारत को स्वतंत्रता मिली, तभी से यह बहस चली आ रही है। लेकिन हम शुरुआत से आरंभ करते है।


हिरोडोटस कहते है "भारत में एक महत्वपूर्ण बात है कि सभी स्वतंत्र है, एक भी भारतीय दास नहीं होता। "


वेद पुराण तो सभी ने पढ़े हैं। पुराणों के अनुसार हमारे देश का नाम राजा भरत के नाम पर रखा गया था। राजा भरत, चंद्रवंशी राजा दुष्यंत और रानी शकुंतला के पुत्र थे और उन्होंने भरत वंश की स्थापना की थी। तब से हमारे राज्य को भारत या भारतवर्ष के नाम से जाना जाता है। आज भी कई लोग भारत नाम ज्यादा पसंद करते हैं।


इतिहास की बात की जाए तो भारत दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक है और इसका इतिहास सिंधु सरस्वती सभ्यता तक जाता है। पहले भारत कोई देश नहीं था। उस समय में सभी राज्य स्वतंत्र हुआ करते थे और वहां के नागरिक उसे ही अपना देश मानते थे। यों तो हमारे देश के कई नाम है, लेकिन भारत सभी को प्रिय है।


पुराने समय में सिंधु नदी के आसपास के इलाके को हिंद नाम दिया गया था। वहीं दूसरी ओर मुगल राज्य के दौरान उत्तरी क्षेत्र को हिन्दुस्तान नाम दिया गया है। ब्रिटिश शासन के दौरान देश का नाम इंडिया रख दिया गया था। 1947 में जब भारत आजाद हुआ, उस समय देश के नाम को लेके काफी विवाद हुआ था। मोहम्मद जिन्नाह इंडिया नाम के विरुद्ध थे, उनका कहना था कि हिन्दू प्रधान प्रदेश है तो उसका नाम हिन्दुस्तान होना चाहिए और मुस्लिम प्रधान देश के लिए पाकिस्तान। स्वतंत्रता के बाद जब 1949 में संविधान सभा बनाई गई थी, तब देश के नाम पर कई सुझाव दिए गए थे। लेकिन भारत के नेताओं ने इंडिया को प्राथमिकता दी।


कुछ लोगों को लगता था इंडिया ब्रिटिश अत्याचार को याद दिलाता है। इसलिए वे चाहते थे कि देश का नाम भारत रखा जाए। संविधान सभा में कई और नाम सुझाए गए थे, उनमे से कुछ सुन्दर नाम है — भारत, भारतवर्ष , हिंदुस्तान , भारतभूमि, आर्यावर्त और हिंद। पर संविधान में भारत नाम लिखा गया है।


भारत देश का पारंपरिक नाम है और यह देश के एतिहासिक विरासत को परिभाषित करने वाली संस्कृति है। हमारी राष्ट्रभाषा, हिन्दी, भी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं की सूची में तीसरे नंबर पर है। तो इस लिहाज से भारत नाम ज्यादा सुंदर लगता है।



इंडिया अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता प्राप्त नाम है, जबकि भारत हमारे देश के गहरे संस्कृतिक मह्त्व को दर्शाता है।


यह भी सुनने में आया है कि देश का नाम बदलने के लिए जो दलील सर्वोच्च न्यायालय में दी गई थी वो भी 2 बार खारिज कर दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह दलील दी थी कि हमारे संविधान में भारत लिख दिया गया है तो दोनों नाम सही है।


भूतपूर्व राष्ट्रपति, प्रतिभा पाटिल ने कहा है "भारत अपने संयम, बुद्धि , और संतुलित और समझदार सोच के लिए जाना जाता है।"


"भारत एक ऐसा देश है जिसमें हर महान धर्म को अपन घर मिलता है। - एनी बेसेंट"


हाल ही में हुई जी-20 समिट में सभी निमंत्रण पत्र "प्रेसिडेंट ऑफ भारत" के नाम से भेजे गए। इसी निमंत्रण के बाद यह इंडिया बनाम भारत विवाद शुरू हुआ। जी-20 समिट के दौरान ही मीडिया ने इस बात को उठाया और हर जगह यह सवाल आया कि क्या बेहतर है - - इंडिया या भारत। हर न्यूज चैनल पर यही खबर दिखाई गई, यह भी कहा गया कि देश का नाम बदलने वाला है।


वैसे इस विवाद की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि, भारत हिन्दी भाषा का शब्द है और इंडिया अंग्रेज़ी भाषा का शब्द है। भारत के संविधान में दोनों ही नाम दिए गए है और दोनों का अपना मह्त्व है। इसलिए हमारे लिए दोनों नाम खूबसूरत है।



चरण पड़े जहां राम कृष्ण के,

भूमि यह आर्यावर्त की।

श्री भरत के पराक्रम से,

धरा यह भारत कहलाई।

जहां में सबसे न्यारी है,

सिंधु तट पर बसी ये भूमि,

मिला इसे माँ सा सम्मान,

कहलाती भारत माता है।


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