ज़िंदगी के पल
- Roohi Bhargava
- Jun 23, 2022
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निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे,
शीशा कहाँ टिकता गिर कर रे,
सम्भाल की कहीं दिल ना टूटे।
रिश्ता तो प्यारा है,
शुरू हुआ तुझसे,
खत्म भी तुझपे,
सम्भाल मुझे अपनी बाहों में,
कि तू ही तो जिंदगी अपनी।
गुस्सा दिखाऊँ या चुप रह जाऊँ,
तेरे मनाने से मैं मान जाऊँ,
आखिर तू मेरा सरमाया है,
तुझसे ही तो ये दिल लगाया है।
जो टूटा है,
वो दिल जोड़ लेंगे,
मोहब्बत से उसे भर देंगे,
बिखरे टुकड़ों को आंचल में समेटे,
फिर एक नया जहां बनाएंगे।
मुश्किल है,
पर अपनी मोहब्बत से,
हर पल को दिल से जियेंगे।
Nice ❤️